महादेव शंकर हैं जग से निराले Mahadev Shankar Hain Jag Se Nirale
महादेव शंकर हैं जग से निराले,
बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले।
मेरे मन के मदिर में रहते हैं शिव जी,
यह मेरे नयन हैं उनही के शिवालय॥
बनालो उन्हें अपने जीवन की आशा,
सदा दूर तुमसे रहेगी निराश।
बिना मांगे वरदान तुमको मिलेगा,
समझते हैं वो तो हरेक की मन की भाषा॥
वो उनके हैं जो उनको अपना बनाले…
जिधर देखो शिव की है महिमा निराली,
यह दाता है और सारी दुनिया सवाली।
जो इस द्वार पे अपना विशवास कर ले,
तो पल भर में भर जायेगी झोली खाली॥
उनही के अँधेरे, उनही के उजाले…